कृषि विभाग ने नरमे की फसल की निगरानी के लिए बनाई टीमें
चंडीगढ़, 15 जुलाई। नरमे की फ़सल को कीटों के हमले से बचाने के लिए निरंतर निगरानी को यकीनी बनाने के लिए पंजाब के कृषि एंव किसान कल्याण विभाग ने दो ज्वाईंट डायरैक्टर स्तर के अधिकारियों की निगरानी में 128 निगरान टीमों का गठन किया है।
यह टीमें श्री मुक्तसर साहिब, फाजिल्का, फरीदकोट, मोगा, बठिंडा, मानसा, बरनाला और संगरूर जिलों में गठित की गई है।
इस बारे में जानकारी देते हुए पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह ने बताया कि इन टीमों को नरमे के खेतों का दौरा करने और फ़सल पर कीटों के हमले की निगरानी के साथ-साथ ज़रूरत पड़ने पर कीटों की रोकथाम के उपायों बारे किसानों को सीध देने का काम सौंपा गया है।
उन्होंने बताया कि कृषि विभाग की टीमों ने आज फाजिल्का जिले के 73 गांवों में नरमे के खेतों का दौरा किया और खुईआं सरवर ब्लाक में तीन स्थानों पर गुलाबी सुंडी और आठ स्थानों पर सफ़ेद मक्खी का हमला देखने को मिला। इस संबंधी अधिकारियों को हिदायत दी कि वह अपनी उपस्थिति में सिफ़ारश किए कीटनाशकों की प्रभावित फ़सल पर प्रयोग को सुनिश्चित बनाए।
मंत्री ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा नरमे की काश्त की अलग- अलग विधियों और फ़सल पर कीटों अन्य बीमारियों के हमले के प्रभावशाली प्रबंधन बारे किसानों को जागरूक करने के लिए नरमे की ज़्यादा काश्त वाले जिलों के 989 गाँवों में किसान जागरूकता कैंप भी लगाए गए है।
किसानों को खेती विशेषज्ञों की सलाह की पालना करने और फ़सल पर सिफ़ारश किए कीटनाशकें की ही प्रयोग करने की अपील करते स. गुरमीत सिंह ने कहा कि कृषि विभाग मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की वचनबद्धता अनुसार राज्य के किसानों के कल्याण को सुनिश्चित बनाने के लिए हर संभव यत्न कर रहा है।
उन्होंने बताया कि सावन की फ़सल सीजन 2024 दौरान फ़सल विभिन्नता योजना के अंतर्गत नरमा पट्टी के जिलों में 60, 000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में नरमे की 6000 प्रर्दशनियां लगाई गई है। उन्होंने आगे बताया कि नियमों अनुसार इन प्रर्दशनियों के लिए किसानों को लाभ भी दिए जाएंगे।
कृषि और किसान कल्याण विभाग के निदेशक जसवंत सिंह ने बताया कि विभाग की टीमों द्वारा नरमे के खेतों का दौरा किया जा रहा है। मुख्य कृषि अधिकारी मानसा ने बताया है कि विभाग द्वारा गाँव साहनेवाली में किसान बलकार सिंह के नरमे के खेत का दौरा किया गया और खेत में गुलाबी सुंडी का मामूली हमला देखने को मिला और किसान को सिफ़ारश किए कीटनाशकों का प्रयोग करने का सुझाव दिया गया, जिसके चलते स्थिति काबू में है। गाँव ख्याली चहलांवाली में किसान जगदेव सिंह पुत्र धर्म सिंह के खेत का सर्वेक्षण किया गया और गुलाबी सुंडी का कोई भी हमला नहीं पाया गया और सफ़ेद मक्खी की संख्या इक्नामिक थ्रैस्शहोलड स्तर ( ई. टी. एल.) से नीचे ( प्रति पत्ता 4 मक्खियाँ) देखने को मिली।
उन्होंने बताया कि विभाग के अधिकारियों द्वारा गांव पटी सदीक के किसान गुरप्रीत सिंह पुत्र अजैब सिंह के नरमे के खेत का भी दौरा किया गया और उन्होंने बताया कि फ़सल अच्छी हालत में है और गुलाबी सुंडी, सफ़ेद मक्खी और अन्य कीटों की गिनती भी ई.टी.एल. पद्धर से नीचे थी।