अपराध नियंत्रण को लेकर अफसरों की हाईलेवल मीटिंग आयोजित
चंडीगढ़, 7 सितंबर। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर की अध्यक्षता में प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशको, पुलिस महानिरीक्षको, पुलिस अधीक्षको की दो दिवसीय उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक में अपराध नियंत्रण, फीडबैक तंत्र को सुदृढ़ करने, बदमाशों पर कार्रवाई, विधानसभा चुनाव की तैयारियों, साइबर नियंत्रण, पुलिसकर्मियों के कल्याण सहित कई अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस दौरान कपूर ने अपराध नियंत्रण को लेकर अन्य जिलों में किए गए कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकों, पुलिस महानिरीक्षकों, पुलिस अधीक्षकों ने पावर प्वाइंट प्रैजेंटेशन के माध्यम से अपराध नियंत्रण को लेकर किए गए कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस दौरान अधिकारियों ने अपराध नियंत्रण की बैस्ट प्रक्टिसेज को भी सांझा किया।
बैठक में बताया गया कि हरियाणा प्रदेश में महिला सुरक्षा को लेकर सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। महिलाओं को सुरक्षित वातावरण देने के उद्देश्य से प्रदेश में भीड़भाड़ वाले 2243 हॉटस्पॉट क्षेत्रों तथा 430 हॉटरूट्स को चिन्हित किया गया है जहां पर महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की संभावनाएं अपेक्षाकृत अधिक होती हैं।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में मनचलों से निपटने के लिए हॉटस्पॉट्स व हॉटरूट्स की संख्या की समग्र तरीके से समीक्षा करने के बाद बढ़ाया जा रहा है। इन क्षेत्रों तथा रूटों पर विशेष तौर पर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है ताकि मनचलों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जा सके।
इसी प्रकार, महिलाओं में सुरक्षा की भावना को बल देने के लिए सार्वजनिक परिवहन जैसे- ऑटो रिक्शा, कैब आदि पर यूनिक कोड स्टिकर लगाए गए है। श्री कपूर ने उपस्थित पुलिस अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे सुनिश्चित करें कि सभी सार्वजनिक परिवहन जैसे- ऑटो, कैब आदि पर ये यूनिक स्टीकर जरूर लगे हों। इसके साथ ही इनके ड्राइवर भी वर्दी में होने चाहिए। यदि ऐसा नही पाया जाता है तो ऐसे वाहन चालकों के चालान करें। महिला सुरक्षा को लेकर किए गए इन कार्यों के परिणामस्वरूप प्रदेश में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 31 अगस्त तक महिला विरूद्ध अपराध जैसे- बलात्कार के मामलो में 17.68 प्रतिशत, छेड़छाड़ के मामलों में 29.88 प्रतिशत, दहेज हत्या के मामलों में 13.24 प्रतिशत तथा अपहरण संबंधी मामलों में 7.79 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
बैठक में बताया गया कि कई जिलों में महिला पुलिसकर्मियों को साधारण वेशभूषा में सार्वजनिक परिवहन में यात्रा के लिए भेजा जाता है ताकि यात्रा के दौरान महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने वाले मनचलों को सबक सिखाया जा सके। हरियाणा पुलिस द्वारा महिला व बाल सुरक्षा को लेकर प्रत्येक जिला में 4-4 महिला पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। इन प्रशिक्षित महिलाओं द्वारा विद्यालयों व महाविद्यालयों में महिलाओं व बच्चों व संपर्क करते हुए उनके लिए संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। विद्यालयों में सेमिनार आदि आयोजित करवाते हुए उन्हें गुड टच व बेड टच के बारे में जानकारी दी जाती है। इसके साथ ही उन्हें मौलिक अधिकारों के बारे में अवगत करवाया जाता है ताकि समय आने पर वे इनका प्रयोग कर सकें। ये महिला पुलिसकर्मी इन विद्यार्थियों के निरंतर संपर्क में रहती हैं ताकि इस प्रकार की घटनाओं की जानकारी सहजता के साथ उनके साथ साझा कर सके।
कपूर ने कहा कि फीडबैक सैल की कार्यप्रणाली को पहले से बेहतर बनाने के लिए शिकायतकर्ताओं के फीडबैक को कैसे लिया जा रहा है, इसकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसे ध्यान में रखते हुए पुलिस मुख्यालय द्वारा शिकायतकर्ता से पूछे जाने वाले सवालों का खाका तैयार किया गया है ताकि फीडबैक में पहले की अपेक्षा पारदर्शिता बढ़े। उन्होंने कहा कि फीडबैक सैल पर तैनात पुलिसकर्मी शिकायतकर्ता से प्रोफेशनल व निष्पक्ष तरीके से फीडबैक ले, इसके लिए थर्ड पार्टी एजेंसी को भी हायर करने का प्रस्ताव रखा गया। श्री कपूर ने कहा कि हालांकि प्रदेश में पहले की अपेक्षा संतुष्टि दर में बढ़ोतरी हुई है लेकिन इसे और अधिक बढ़ाने के लिए सभी एकजुटता से प्रयास करें।
कपूर ने कहा कि प्रदेश के अलग-अलग जिलों में अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों का डाटाबेस तैयार किया गया है। इसके लिए प्रत्येक जिला में कमेटी गठित की गई है जिसके द्वारा नियमित तौर पर ऐसे बदमाशों की गतिविधियों की मॉनिटरिंग की जाती है। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वह ऐसे बदमाशों पर कड़ी नजर रखें तथा यह भी सुनिश्चित करें कि वे किसी भी प्रकार की गैर कानूनी गतिविधि में शामिल न हो और यदि ऐसा होना पाया जाता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।
विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियांे की समीक्षा- बैठक में निर्देश दिए गए कि जिला पुलिस अधीक्षक विधानसभा चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष तथा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करने के लिए समय रहते सभी आवश्यक इंतजाम पूरे कर ले। उन्होंने कहा कि वे अपने पड़ोसी राज्यों के साथ तालमेल स्थापित करते हुए नाके लगवाएं। इसके अलावा, सघन चैकिंग अभियान चलाएं ताकि आदर्श आचार संहिता की पालना सुनिश्चित की जा सके। बैठक में आदर्श आचार संहिता के दौरान अब तक बरामद की गई अवैध शराब व नकदी आदि को लेकर रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।
साइबर अपराधियों की धरपकड़ के लिए सक्रियता से करें कार्य – बैठक में श्री कपूर ने कहा कि पुलिस अधीक्षक साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए योजनाबद्ध तरीक़े से काम करे। साइबर अपराध नियंत्रण के लिए प्राप्त शिकायतो पर त्वरित कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से रुपया ट्रांसफर करते है, ऐसे में साइबर अपराधियो को पकड़ने के लिए कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाए जाने की आवश्यकता है।
लेन ड्राइविंग की पालना करे सुनिश्चित- इसके साथ ही उन्होंने लेन ड्राइविंग को लेकर किए गए कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि लेन ड्राइविंग को लेकर प्रथम चरण में प्रदेष के राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर-44 पर विशेष अभियान चलाया गया जिसके सकारात्मक परिणामों को ध्यान में रखते हुए अब इसे प्रदेश के अन्य मार्गो पर भी लागू किया जाए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे जिलों में भी लेन ड्राइविंग की पालना सुनिश्चित करे और लोगो को लेन ड्राइविंग के लिए प्रेरित करें। बताया गया कि प्रदेश में सड़क सुरक्षा के मद्देनजर मुख्य मार्गाे पर स्पीड लिमिट नोटिफाई की गई है और इसे गूगल मैप पर अपलोड किए जाने को लेकर कार्रवाई की जा रही है।
नशे से दूर रखने के लिए खेल गतिविधियां- बैठक में श्री कपूर ने नशामुक्ति अभियान को लेकर जिलो में किये गए कार्याे की समीक्षा की और कहा कि वे नियमित तौर पर बच्चो व युवाओं की खेलो में भागीदारी सुनिश्चित करें। सुबह-शाम दोनों समय खेल गतिविधियां आयोजित करवाए ताकि उनका शारीरिक व मानसिक विकास हो और वे नशे से दूर रहे। इस कार्य मे जनप्रतिनिधियों व गांव के मौजिज लोगो का सहयोग लिया जा सकता है। श्री कपूर ने कहा कि पुलिस अधीक्षक नशीली दवा बेचने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करवाना सुनिश्चित करें और समाज के लोगो को ऐसे दवा विक्रेताओं के बारे में ज्यादा से ज्यादा बताए ताकि लोग उनके सम्पर्क में न आएं और नशे से दूर रहे।
इसी प्रकार, डीजीपी ने बैठक में प्रदेश में बाल अपराध नियंत्रण के लिए समय समय पर आपरेशन मुस्कान चलाने के निर्देश दिए और कहा कि इस दौरान भीख मांगने के लिए मजबूर करने वालो के खिलाफ कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। डीजीपी ने पुलिसकर्मियों के कल्याण के लिए किए गए कार्याे जैसे क्रेश, ई-लाइब्रेरी के संचालन को लेकर भी फीडबैक लिया। बैठक में हरियाणा पुलिस द्वारा पुलिसकर्मियों के लिए कम दरों पर वर्दी व जूते उपलब्ध करवाने को लेकर शुरू की गई पहल को लेकर भी चर्चा की गई।