नशे का नेक्सस तोड़ने में जुटी हरियाणा पुलिस
चंडीगढ़, 20 दिसंबर। हरियाणा पुलिस प्रदेश में नशे के विरूद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत नित नए आयाम स्थापित कर रही है। हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो तथा जिला पुलिस द्वारा प्रदेश में नशा तस्करों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत उनका नेक्सस तोड़ने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
इसी कड़ी में हरियाणा पुलिस द्वारा 1 जनवरी 2024 से 30 नवंबर 2024 तक प्रदेश में नशा तस्करों के खिलाफ 3051 मुकदमे दर्ज करते हुए 4652 आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है। इसके साथ ही आदतन अपराधियों पर सख्ती करते हुए पीआईटी एनडीपीएस एक्ट के तहत वर्ष-2024 में 63 नशा तस्करों के खिलाफ निवारक निरोध (Prevention detention) की कार्यवाही की गई ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये अपराधी दोबारा नशा तस्करी से ना जुड़े।
इस बारे में जानकारी देते हुए पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बताया कि हरियाणा पुलिस द्वारा नशे की सप्लाई चेन को तोड़ने के लिए प्रभावी रणनीति तैयार की गई है। उन्होंने बताया कि वर्ष-2023 में हरियाणा पुलिस द्वारा कमर्शियल क्वांटिटी के 326 मुकदमे दर्ज किए गए थे जबकि वर्ष-2024 में 411 मुकदमे दर्ज किए गए हैं जिनमें 841 बड़े नशा तस्करों पर कार्यवाही की गई है। उन्होंने बताया कि नशा तस्करी संबंधी बड़े मामलों में तेजी लाने के लिए फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) से रिपोर्ट आने की समय सीमा को घटाकर 15 दिन किया गया है जिससे न केवल ट्रायल में तेजी आएगी बल्कि सजा की दर बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश को नशामुक्त बनाने के लिए गांव में 5150 ग्राम प्रहरी तथा वार्ड प्रहरी नियुक्त किए गए हैं। ग्राम प्रहरियों तथा वार्ड प्रहरियों द्वारा गांव में नशा बेचने वाले लोगों पर नजर रखी जाती है। इसके साथ ही जो लोग नशे का शिकार हो गए हैं उनकी नशा छुड़वाने में मदद की जाती है। इसी प्रकार, नमक लोटा अभियान की सफलता के कारण पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष छोटी मात्रा के एनडीपीएस मामलों में 15 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इस अभियान के तहत समुदाय को जागरुक करते हुए छोटे अपराधियों को नशा छोड़ने के लिए प्रेरित किया गया।
सामुदायिक भागीदारी व जागरूकता कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के प्रमुख ओ पी सिंह ने बताया कि नशामुक्त हरियाणा अभियान के तहत लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित की गई। इन कार्यक्रमों में सांस्कृतिक गतिविधियों, खेलों तथा संवादात्मक सत्रों के जरिए लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में अवगत करवाया गया। इसी प्रकार, हरियाणा पुलिस द्वारा प्रदेश में नशामुक्त भारत पखवाड़ा चलाया गया। नशामुक्त भारत पखवाड़ा के तहत 15 दिनों में लाखों लोगों तक नशा विरोधी संदेश पहुंचाया गया। इस पहल ने राज्य के प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती दी और व्यापक जन जागृति का आधार तैयार किया।
सिंह ने बताया कि नशे की लत को अपराध से ज्यादा स्वास्थ्य की चुनौती मानते हुए हरियाणा पुलिस द्वारा नशा छोड़ने वालों के पुनर्वास पर ध्यान केंद्रित किया गया। प्रदेश में सर्वेक्षण करते हुए नशे की लत का शिकार हुए लोगों की पहचान की गई जिन्हें पुनर्वास केंद्रो में भेजते हुए उनका इलाज करवाया गया। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के साथ रणनीतिक योजना बनाते हुए नशे का शिकार लोगों को इसकी गर्त से बाहर लाने में मदद की गई।
आंकड़े सांझा करते हुए उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2024 में नशा तस्करी संबंधी 411 मुकदमे वाणिज्यिक मात्रा के, 1808 मध्यवर्ती तथा 832 कम मात्रा के दर्ज किए गए। उन्होंने बताया कि इस वर्ष हरियाणा पुलिस द्वारा विभिन्न प्रकार के मुकदमे दर्ज करते हुए 28 किलो 148 ग्राम हीरोइन, 266 किलो 083 ग्राम चरस, 8552 किलो 088 ग्राम गांजा, 400 किलो 956 ग्राम अफीम, 382 किलो 277 ग्राम अफीम के पौधे, 15441 किलो 253 ग्राम भुक्खी, 48436 नशीली दवाइयां की बोतलें, 3,11,776 नशीले कैप्सूल, 6,91,681 नशीली गोलियां, 12778 नशीले इंजेक्शन सहित अन्य नशीले पदार्थों की रिकवरी की गई है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस राज्य को नशामुक्त बनाने के लिए दृढ़संकल्पित है। नशा हमारे देश व समाज के लिए बड़ा खतरा है। इससे स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि यदि वे अपने आसपास कहीं भी नशा बिकते हुए देखें तो तुरंत इसकी जानकारी हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के टोल फ्री नंबर- 9050891508 पर देना सुनिश्चित करें।