शिकायत निस्तारण सर्वोच्च प्राथमिकता हो: सीएम सैनी
शिकायत निस्तारण सर्वोच्च प्राथमिकता हो सीएम सैनी
चंडीगढ़, 17 दिसंबर। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जनसेवा को शासन की मूल भावना बताते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्यालयों में शिकायत लेकर आने वाला हर नागरिक सम्मान और संतोष के साथ लौटे। जनसमस्याओं का त्वरित, पारदर्शी और संवेदनशील निवारण करना केवल प्रशासनिक दायित्व नहीं, बल्कि एक नैतिक जिम्मेदारी भी है, जिसे सर्वोच्च प्राथमिकता पर निभाया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री बुधवार को गुरुग्राम में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह, पटौदी विधायक श्रीमती बिमला चौधरी, सोहना विधायक श्री तेजपाल तंवर तथा गुरुग्राम विधायक श्री मुकेश शर्मा भी उपस्थित रहे। बैठक में कुल 16 परिवाद रखे गए, जिनमें से मुख्यमंत्री ने 12 का मौके पर ही निपटारा किया, जबकि 4 मामलों को आगामी बैठक तक लंबित रखने के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन लंबित मामलों की स्टेटस रिपोर्ट अगली बैठक में प्रस्तुत करें।
*समाधान शिविरों से आमजन को मिल रहा त्वरित न्याय – मुख्यमंत्री*
मुख्यमंत्री ने कहा कि आमजन से जुड़ी समस्याओं के त्वरित निवारण के उद्देश्य से जिला एवं उपमंडल स्तर पर प्रत्येक सोमवार और वीरवार को नियमित रूप से समाधान शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन समाधान शिविरों में अब तक कुल 40 हजार शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से लगभग 30 हजार शिकायतों का सफलतापूर्वक समाधान किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पास सीधे तौर पर प्राप्त हुई 1 लाख 42 हजार शिकायतों में से 1 लाख 35 हजार शिकायतों का निवारण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सीएम विंडो पोर्टल पर भी शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। वर्तमान में वहां केवल वही शिकायतें लंबित हैं, जो न्यायालय से संबंधित हैं या जिनमें पारिवारिक विवाद शामिल हैं, जिनका समाधान कानूनी प्रक्रिया के तहत किया जाना आवश्यक है।
*जटौली मंडी पैक्स मैनेजर के खिलाफ जांच के निर्देश*
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने पटौदी क्षेत्र के छिल्लरकी एक शिकायत पर संज्ञान लेते हुए जटौली मंडी पैक्स के मैनेजर के खिलाफ जांच के निर्देश दिए। शिकायतकर्ता ने बताया कि मैनेजर की कार्यशैली के कारण किसानों को खाद प्राप्त करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है तथा किसानों के साथ उसका व्यवहार भी संतोषजनक नहीं है। इसके अलावा खाद वितरण में मनमानी किए जाने के आरोप भी लगाए गए। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर रिपोर्ट जिला उपायुक्त के समक्ष शीघ्र प्रस्तुत की जाए।
*15 दिन में पूरा होगा धनवापुर अंडरपास का रिपेयर वर्क*
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष धनवापुर रेलवे अंडरपास में जल रिसाव एवं उससे उत्पन्न जलभराव के कारण राहगीरों को हो रही परेशानियों का मामला रखा गया। इस पर मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि अंडरपास का रिपेयर कार्य आगामी 15 दिनों के भीतर पूर्ण कर आमजन के लिए सुगम और सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में इस प्रकार की समस्या दोबारा उत्पन्न न हो, ताकि आम नागरिकों को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।
*शहर में सीवर, स्वच्छता और बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश*
मुख्यमंत्री ने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहर में कहीं भी सीवर के ढक्कन टूटे हुए न हों और न ही किसी स्थान पर सीवर ओवरफ्लो की स्थिति बने। उन्होंने कहा कि सीवर प्रणाली की नियमित निगरानी सुनिश्चित की जाए, ताकि आमजन को किसी भी प्रकार की असुविधा या दुर्घटना का सामना न करना पड़े।
मुख्यमंत्री ने नगर निगम के अधिकारियों को शहर में स्वच्छता के स्तर को और बेहतर बनाने के लिए आवश्यक और प्रभावी कदम उठाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि नियमित सफाई, कचरा प्रबंधन और स्वच्छ वातावरण बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बिजली विभाग को भी निर्देश दिए कि वे यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी रास्तों के बीच में बिजली के खंभे न हों, जिससे आमजन को आवागमन में परेशानी या किसी प्रकार का जोखिम न हो। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय से कार्य करते हुए नागरिक सुविधाओं को प्राथमिकता दें।
*गांव ग्वालापहाड़ी में ग्रीन बेल्ट पर अवैध कब्जों की पैमाइश के निर्देश*
मुख्यमंत्री ने गांव ग्वालापहाड़ी में मास्टर प्लान के अंतर्गत छोड़ी गई ग्रीन बेल्ट भूमि पर किए गए अवैध कब्जों के मामले का गंभीरता से संज्ञान लिया। उन्होंने लोक निर्माण विभाग और नगर निगम के अधिकारियों को संयुक्त रूप से मौके पर पैमाइश कर स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए, ताकि वास्तविक तथ्यों के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जा सके। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकारी भूमि, विशेषकर ग्रीन बेल्ट जैसी सार्वजनिक उपयोग की जमीन पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि पैमाइश के उपरांत यदि अवैध कब्जे पाए जाते हैं तो नियमानुसार सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
