जर्मनी के प्रतिनिधिमंडल ने किया पुलिस मुख्यालय का दौरा
चंडीगढ़, 24 अक्टूबर। हरियाणा पुलिस की उत्कृष्ट कार्यप्रणाली तथा बेस्ट प्रैक्टिसेज को समझने के लिए जर्मनी के प्रतिनिधिमंडल ने वहां के सांसद राहुल कुमार के साथ पुलिस मुख्यालय का दौरा किया।
इस दौरान उन्होंने पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर से डिजीटल तकनीकों की अपराध नियंत्रण में भूमिका, इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर, पारंपरिक तथा आधुनिक अपराध के स्वरूपों तथा साइबर अपराध रोकने के लिए भविष्य में आने वाली चुनौतियों से निपटने को लेकर तैयार की गई प्रभावी रणनीति के बारे में जानकारी प्राप्त की। जर्मनी के प्रतिनिधिमंडल ने इस मौके पर हरियाणा पुलिस द्वारा अपराध नियंत्रण को लेकर किए जा रहे कार्यो की प्रशंसा की।
कपूर ने जर्मनी के प्रतिनिधिमंडल के अधिकारियों का पुलिस मुख्यालय में पहुंचने पर भव्य स्वागत किया। सबसे पहले पुलिस महानिदेशक ने हरियाणा पुलिस की संरचना, अन्वेषण, भर्ती प्रक्रिया, कार्यक्षमता निर्माण के लिए पुलिसकर्मियों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण के बारे में उनको अवगत करवाया। जर्मनी के प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा में अपराध नियंत्रण को लेकर किए जा रहे कार्यों में विशेष रूचि दिखाई।
डीजीपी ने अपराध नियंत्रण को लेकर हरियाणा पुलिस की कार्ययोजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हरियाणा पुलिस द्वारा अपराध को उसकी प्रकृति के अनुसार विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है। उन्होंने बताया कि अपराध दो प्रकार के होते है ट्रेडिशनल अपराध तथा मॉडर्न अपराध। ट्रेडिशनल अपराध जैसे- व्यक्ति के विरूद्ध अपराध तथा प्रॉपर्टी विरूद्ध अपराध जबकि मॉडर्न अपराध जैसे- साइबर अपराध अथवा बदलते समय के अनुसार होने वाले अन्य अपराध। इन अपराधों को आगे अलग-2 प्रकार की उप-श्रेणियों में बांटा जाता है और इन अपराधों से उनकी प्रवृति के अनुरूप निपटने के लिए पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया जाता है। उन्होंने बताया कि हरियाणा पुलिस द्वारा अपराधियों को पकड़ने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे ओवरऑल क्राइम को कम करने में मदद मिली है।
इस दौरान हरियाणा पुलिस तथा जर्मनी के प्रतिनिधिमंडल ने ग्लोबल तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रहे अपराधों से निपटने के लिए पुलिस-टू-पुलिस कोर्डिनेशन की संभावनाओं पर विचार विमर्श किया। डीजीपी ने बताया कि कई बार अपराधी एक देश में अपराध करके दूसरे देश में जाकर छिप जाते है। ऐसे अपराधी सभी देशों के लिए बड़ा खतरा है। ऐसे अपराधियों को पकड़ने के लिए अलग-2 देशों की पुलिस को आपसी तालमेल के साथ काम करना अति आवश्यक है। इस दौरान श्री कपूर ने साइबर क्राइम नियंत्रण को लेकर सामने आ रही चुनौतियों के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि यह सभी देशों के लिए एक बड़ी समस्या उभर कर सामने आया है।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि साइबर अपराधी अलग-अलग देश में बैठकर लोगों की जमा पूंजी को ठगकर साइबर अपराध करते हैं जिसे नियंत्रित करने के लिए अलग-अलग देश की पुलिस में अच्छा तालमेल होना बहुत जरूरी है। जर्मनी के प्रतिनिधिमंडल के अधिकारियों ने विश्वास दिलाया कि वे इस प्रकार का संचार प्रणाली विकसित करने का प्रयास करेंगे ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस चुनौती से निपटने में सहायता मिल सके।
डीजीपी ने बताया कि समय के साथ-साथ संभवतः साइबर क्राइम और बढ़ेगा, जिससे निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्ययोजना बनाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि अपराधी भारत में अपराध करते हैं और इसके बाद विदेश में जाकर रहने लगते हैं और वहां बैठकर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं।
जर्मनी के प्रतिनिधिमंडल ने कपूर से हरियाणा पुलिस में महिलाओं की भागीदारी के बारे में पूछा, जिसका उत्तर देते हुए कपूर ने बताया कि समय के साथ साथ हरियाणा पुलिस में उच्च पदों पर तैनात महिलाओं की संख्या में वृद्धि हुई है तथा सरकार का पूरा प्रयास है कि नीचे के पदो पर भी महिलाओं की संख्या को बढ़ाया जाए तथा प्रतिशत में इसे कम से कम 15 तक ले जाने का प्रयास है। उन्होंने बताया कि पुलिस बल में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के लिए उन्हें पुलिस फोर्स ज्वाइन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
इसके साथ ही डीजीपी ने बताया कि हरियाणा में महिला विरुद्ध अपराध को लेकर महिलाओं में जागरूकता बढ़ी है और अब महिला विरूद्ध अपराध की रिपोर्टिंग भी बढ़ी है, पहले जहां महिलाएं जानकारी के अभाव में शिकायत नहीं कर पाती थी आज वे अपराध होने पर पुलिस को तुरंत रिपोर्ट करती हैं।
डीजीपी ने कहा कि यदि जर्मनी को कभी भी हरियाणा पुलिस से अपराध नियंत्रण को लेकर किसी भी प्रकार की मदद चाहिए तो वे हमेशा उनकी मदद के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि पुलिस टू पुलिस हम हमेशा आपकी सहायता के लिए तैयार है। जर्मनी के प्रतिनिधिमंडल ने आश्वस्त किया कि वे इस समस्या से अपने देश की सरकार को अवगत करवाएंगे ताकि अपराध नियंत्रण को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आवश्यक कदम उठाया जा सके।