December 22, 2024

इनेलो सुप्रीमो चौ. ओमप्रकाश चौटाला का निधन

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इनेलो सुप्रीमो चौ. ओमप्रकाश चौटाला का निधन

इनेलो सुप्रीमो चौ. ओमप्रकाश चौटाला का निधन

चंडीगढ़, 20 दिसंबर। हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रहे इनेलो सुप्रीमो चौ. ओम प्रकाश चौटाला का शुक्रवार को उनके गुरुग्राम निवास पर  89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन से शोक की लहर फैल गई है और एक बड़े राजनीतिक युग का अंत हो गया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला तथा अन्य नेताओं ने ओमप्रकाश चौटाला के निधन पर शोक प्रकट किया है।पूर्व 

प्रदेश सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के निधन पर प्रदेश में 3 दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।  22-22 दिसंबर तक 3 दिन का राजकीय शोक और 21 दिसंबर को प्रदेश में एक दिन की छुट्टी रहेगी। 20-22 दिसंबर तक प्रदेश में कोई सरकारी मनोरंजन कार्यक्रम नहीं मनाए जाएंगे। 21 दिसंबर को राजकीय सम्मान के साथ पूर्व मुख्यमंत्री का अंतिम संस्कार होगा।

स्व. ओमप्रकाश चौटाला के छोटे बेटे अभय चौटाला ने कहा कि मैंने ही अपने पिता को नहीं बल्कि प्रदेश ने भी अपना बेटा आज खो दिया है। उन्होंने बताया कि स्व. ओमप्रकाश चौटाला के पार्थिव शरीर को सिरसा स्थित तेजा खेड़ा फ़ार्म हॉउस ले जाया जा रहा है। सुबह दर्शन के लिए पार्थिव शरीर फार्म हाउस पर ही रखा जाएगा। उनका अंतिम संस्कार शनिवार को होगा।

स्व. ओमप्रकाश चौटाला का जन्म चौटाला गांव में 1 जनवरी 1935 को हुआ था। वे स्व. देवीलाल के सबसे बड़े बेटे थे। उनकी धर्मपत्नी स्नेह लता का स्वर्गवास अगस्त 2019 में हो गया था। उनकी तीन बेटियां और दो बेटे हैं। चौ . ओमप्रकाश चौटाला 2 दिसंबर 1989 से 22 मई 1990, 12 जुलाई 1990 से 16 जुलाई 1990, 22 मार्च 1991 से 5 अप्रैल 1991, 24 जुलाई 1999 से 2 मार्च 2000 और 2 मार्च 2000 से फरवरी 2005 तक प्रदेश के 5 बार मुख्यमंत्री रहे। 

वे सात बार विधायक रहे और एक बार राज्यसभा के सांसद भी रहे। वे लंबे समय तक करीब 8 साल नेता प्रतिपक्ष भी रहे। इनेलो पार्टी का गठन करने में ओमप्रकाश चौटाला का अहम योगदान रहा। इससे पहले स्व. ताऊ देवीलाल ने हरियाणा में अलग अलग पार्टियों से सरकार बनाई थी। 

चौ. ओमप्रकाश चौटाला हिंदी, पंजाबी, संस्कृत और उर्दू के ज्ञाता थे। अपने राजनीतिक सफर में उन्होंने अनेकों बार सत्तापक्ष सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई और सत्ता विरोध के कारण कई बार जेल भी गए। आपातकाल के दौरान भी 19 महीने की जेल काटी थी। स्व. देवीलाल के बाद वे एकमात्र मुख्यमंत्री थे जिन्होंने हरियाणा के विकास के लिए सबसे ज्यादा काम किए। आज का साइबर सिटी गुरुग्राम को विकसित करने और इसके विकास का अमली जामा पहनाने में चौ ओमप्रकाश चौटाला का सबसे बड़ा योगदान है। हरियाणा में बड़े उद्योग भी चौ ओम प्रकाश चौटाला के मुख्यमंत्री रहते ही लगे थे जिसमें मारुति सुजुकी और होंडा जैसी अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंपनियों ने अपने उद्योग हरियाणा में लगाए थे। 

2000 से 2005 तक चौ ओमप्रकाश चौटाला के मुख्यमंत्री रहते हरियाणा के इतिहास में एक मात्र समय ऐसा था जब हरियाणा सरप्लस स्टेट बना था। 2013 में जेबीटी भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा भी हुई। जेल में रहते हुए ही चौ. ओमप्रकाश चौटाला ने 2021 में अपनी 10वीं और 12वीं की परीक्षा भी पास की। जेल में रहकर चौ. ओम प्रकाश चौटाला का 10वीं पास करना सामाजिक तौर पर इतना प्रेरणादायक हुआ कि बॉलीवुड में उनकी जेल में रहते 10वीं करने पर दसवीं नाम से एक बहुत सफल फिल्म भी बनी जिसमें अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक बच्चन ने मुख्य भूमिका निभाई। 

चौ. ओमप्रकाश चौटाला ने अपने जीवन में 150 से ऊपर देशों की यात्रा की और विदेशों में जो उन्होंने देखा और सीखा उसको मुख्यमंत्री रहते प्रदेश के विकास में लागू किया। उनका जीवन बावजूद एक मुख्यमंत्री के बेटे होने के बेहद संघर्ष में बीता। और इसी संघर्ष के बल पर वे जमीन से जुड़े नेता बने। मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने सभी वर्गों को साथ जोड़ा चौ. ओमप्रकाश चौटाला संगठन के व्यक्ति थे और जानते और समझते थे कि संगठन में जो ताकत है वो किसी में भी नहीं है। यही कारण था कि उन्होंने इनेलो पार्टी का संगठन बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी। एक समय ऐसा था कि विपक्षी पार्टियां भी चौ. ओमप्रकाश चौटाला के संगठन से बेहद प्रभावित थे और विपक्षी यह मानते थे कि संगठन के मामले में इनेलो से मजबूत संगठन किसी भी पार्टी का नहीं है। चौ ओमप्रकाश चौटाला जहां मजबूत संगठन के पक्षधर रहे वहीं वे मुख्यमंत्री रहते सबसे सफल प्रशासक भी रहे। उन्होंने मुख्यमंत्री रहते ब्यूरोक्रेसी पर लगाम लगाई और उनका अनुशासन इतना सख्त था कि चाहे आईपीएस हो या आईएएस सभी 24 घंटे मुस्तैद रहते थे।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पूर्व मुख्यमंत्री और इनेलो के वरिष्ठ नेता चौ. ओम प्रकाश चौटाला के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि ओपी चौटाला के निधन से हरियाणा की राजनीति के एक अध्याय का अंत हो गया है। उनकी कमी को पूरा कर पाना मुश्किल है। हरियाणा की राजनीति में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चौटाला का व्यक्तित्व सादगी और संघर्ष का प्रतीक था। वे एक दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने ग्रामीण विकास, शिक्षा और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए कई योजनाएं चलाईं। उनके निधन से न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे प्रदेश को गहरा आघात लगा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वे दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार को इस दुख की घड़ी में धैर्य और संबल दें।

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री श्री ओम प्रकाश चौटाला के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि चौटाला एक अनुभवी राजनीतिज्ञ और दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने अपना जीवन हरियाणा के लोगों की सेवा के लिए समर्पित कर दिया।
कैबिनेट मंत्री अनिल विज, कृष्ण लाल पंवार, राव नरबीर सिंह, महिपाल ढांडा, विपुल गोयल, डॉ. अरविंद कुमार शर्मा, श्याम सिंह राणा, रणबीर गंगवा, कृष्ण कुमार बेदी, श्रुति चौधरी, कुमारी आरती सिंह राव व राज्य मंत्री राजेश नागर तथा गौरव गौतम ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है और शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त की है।
स्व. चौटाला के साथ लंबा राजनीतिक सफर कर चुके पूर्व मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रो. संपत सिंह ने चौ. ओम प्रकाश चौटाला के अचानक देहांत पर गहरा शोक प्रकट किया। उन्होंने कहा कि दिवंगत चौ. ओमप्रकाश चौटाला के देहांत से उनको गहरा सदमा लगा है। उनके निधन से हरियाणा प्रदेश में शोक की लहर फैल गई। उन्होंने कहा कि उनकी मृत्यु से मुझे निजी तौर पर भी बहुत बड़ी क्षति हुई है। उन्होंने उनको स्मरण करते हुए कहा कि उनके साथ एक बहुत बड़े राजनीतिक युग का अंत हो गया है।

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