जन लोक अदालत फिर होगी शुरू
चंडीगढ़, 14 जून। पंजाब के राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री ब्रह्म शंकर जिम्पा ने विभाग में व्यापक स्तर पर लोक समर्थक सुधार करने के सख्त निर्देश जारी किए है। उन्होंने कहा कि अब फील्ड अधिकारियों (पटवारी/ कानूनगो/ नायब तहसीलदार/ तहसीलदार) को जनता की शिकायतों की सुनवाई के लिए रोजाना अपने दफ्तर में हाजिर होना होगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सभी दफ्तरों में तुरंत बोर्ड लगाए जाने चाहिए।
उन्होनें कहा कि इसी साल 6 जनवरी और 15 जनवरी को पैंडिंग पड़े इंतकाल के मामले निपटाने के लिए लगाए विशेष कैंपों की कामयाबी के बाद मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने फिर से पंजाब में जन लोक अदालत शुरू करने के निर्देश दिए हैं। जिम्पा ने कहा कि वे खुद भी इन लोग अदालतों में जाकर लोगों की शिकायतों की सुनवाई करेंगे और मौके पर उन्हें हल करने का प्रयास भी करेंगे।
उन्होंने कहा कि पैंडिंग इंतकालों को और विशेष कैंप लगा कर निपटाया जाएगा। बता दे कि पहले लगाए दो कैंपों में इंतकालों के लंबित पड़े 50796 मामले निपटाए गए थे।
मीटिंग दौरान राजस्व मंत्री ने मुख्यमंत्री द्वारा जारी किए हेल्पलाइन नंबरों 8184900002 और 9464100168 ( एनआरआई के लिए) पर प्राप्त शिकायतों के बारे में जानकारी ली। इस संबंध में बताया गया कि 13 जून तक दोनों नंबरों पर 4387 शिकायतें मिली हैं, जिनमें से 3064 शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है।
जिम्पा ने कहा कि हेल्पलाइन नंबर पर आई शिकायतों का हल समयबद्ध तरीके साथ किया जाए और इस काम में कोई भी ढील या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही वह हर सप्ताह इस बारे समीक्षा किया करेंगे।
इसके अलावा जिम्पा ने अलग- अलग तहसीलों/ सब तहसीलों और एस.डी.एम काम्पलैक्स के नए निर्माण और मरम्मत के लिए जारी किए फंड के बारे में जानकारी हासिल की और निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के आदेशों अनुसार लोगों को विश्व स्तरीय सुविधाएं देने के लिए इन इमारतें को उच्च दर्जे की बनाया जाए जहां आने वाले लोगों को सब सुविधाएं एक ही छत नीचे मिले। उन्होंने अधिकारियों को यह निर्देश भी दिए कि विकास कार्यों के लिए ऐकुआइर की जमीनों के मालिकों को समय पर पूरा मुआवजा दिया जाए।
इस मौके उन्होंने राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन विभाग के अन्य भी कई कामों की समीक्षा की और निर्देश जारी किए। बैठक में वित्त कमिश्नर राजस्व के.ए.पी. सिन्हा, सचिव अलकनंदा दयाल और अर्शदीप सिंह थिंड और विभाग के अन्य उच्च अधिकारी मौजूद थे।