December 17, 2025

33वीं एचआरआईडीसी बैठक में अहम रेल परियोजनाओं पर मंथन

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33वीं एचआरआईडीसी बैठक में अहम रेल परियोजनाओं पर मंथन

33वीं एचआरआईडीसी बैठक में अहम रेल परियोजनाओं पर मंथन

चंडीगढ़, 17 दिसंबर। हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, जो कि हरियाणा रेल अवसंरचना विकास निगम (एचआरआईडीसी) के अध्यक्ष भी हैं, ने बताया कि राज्य की कई प्रमुख रेल अवसंरचना परियोजनाओं में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।

रस्तोगी एचआरआईडीसी के निदेशक मंडल की 33वीं बैठक के दौरान विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे।

बैठक में बताया गया कि कुरुक्षेत्र एलिवेटेड ट्रैक परियोजना निष्पादन के उन्नत चरण में पहुँच गई है। वायाडक्ट से संबंधित सभी सिविल, ट्रैक, सिग्नलिंग एवं टेलीकम्युनिकेशन तथा ओवरहेड इलेक्ट्रिफिकेशन कार्य पूरे कर लिए गए हैं। एलिवेटेड प्लेटफॉर्म का निर्माण भी अंतिम चरण में है। पूर्ण किए गए कार्यों का शीघ्र ही उत्तरी रेलवे द्वारा तकनीकी निरीक्षण किया जाएगा। इसके बाद रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा निरीक्षण किया जाएगा।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को शेष कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि परियोजना को शीघ्र चालू किया जा सके। एचआरआईडीसी द्वारा हासिल विशेषज्ञता की सराहना करते हुए उन्होंने निगम को अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार कर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने की दिशा में कार्य करने का भी सुझाव दिया।

बैठक में अवगत कराया गया कि ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर, जो सोनीपत से पलवल वाया बागपत, गाजियाबाद एवं गौतम बुद्ध नगर प्रस्तावित है, के अध्ययन हेतु संरेखण (एलाइनमेंट) को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली स्टीयरिंग समिति द्वारा स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। कॉरिडोर का व्यवहार्यता अध्ययन अग्रिम चरण में है।

मुख्य सचिव ने बताया कि हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना के विभिन्न घटकों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। परियोजना का मानेसर–पातली खंड तथा मारुति रेलवे यार्ड जून 2025 में चालू किया जा चुका है। अब तक मानेसर स्थित मारुति प्लांट से 372 रैक लोड किए जा चुके हैं। इसके साथ ही हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरपोरेशन को राजस्व प्राप्त होना भी शुरू हो गया है। परियोजना के लिए चरण-I (सैद्धांतिक) वन स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है तथा अरावली संबंधी स्वीकृति हेतु भी अनुमोदन के लिए आवेदन किया गया है।

भूमि मुआवजा वितरण में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। भूमि अवार्ड की कुल  1,878 करोड़ रुपये की राशि के मुकाबले अब तक 1,533 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त, मध्यस्थता अवार्ड के अंतर्गत भी 99 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।

बैठक में यह भी बताया गया कि एचओआरसी परियोजना के अंतर्गत निर्माणाधीन सुरंग, यात्री यातायात के लिए अपने क्रॉस-सेक्शन के लिहाज से क्षेत्र की सबसे बड़ी सुरंगों में से एक है। सुरंग का निर्माण कार्य संतोषजनक गति से आगे बढ़ रहा है। वर्तमान में आठ सक्रिय फेस से कार्य किया जा रहा है तथा दो अतिरिक्त फेस विकसित किए जा रहे हैं ताकि कार्य में और तेजी लाई जा सके। न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड के माध्यम से निर्मित की जाने वाली कुल 7,200 मीटर लंबी सुरंग में से अब तक 3,773 मीटर, यानी कुल लंबाई का 52 प्रतिशत से अधिक भाग की खुदाई की जा चुकी है।

परियोजनाओं की समग्र प्रगति का जिक्र करते हुए मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी ने कहा कि ये परियोजनाएं आधुनिक, दक्ष एवं सतत रेल अवसंरचना विकसित करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा कि इन रेल कॉरिडोरों से क्षेत्रीय संपर्क सुदृढ़ होगा, आर्थिक विकास को गति मिलेगी तथा नागरिकों के आवागमन में सुधार होगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि एचआरआईडीसी समयबद्ध क्रियान्वयन के साथ-साथ गुणवत्ता, सुरक्षा और पर्यावरणीय मानकों का उच्च स्तर बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता और लोक निर्माण (भवन एवं सड़क) विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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