पूर्व की सरकारों ने की संस्कृत और संस्कृति की अनदेखी – डॉ. वीरेंद्र
असंध, 12 अगस्त। फफड़ाना के फल्गु तीर्थ सहित कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अंतर्गत आने वाले सभी तीर्थों पर जारी विकास कार्यों की स्वीकृत राशि, काम करने वाले ठेकेदार और कार्य को सम्पन्न करने की समय सीमा आदि सभी जानकारियां भी इन तीर्थों पर समुचित आकार के बोर्ड लगाकर प्रदर्शित करने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि जनसामान्य को इस बात की जानकारी रहे कि सरकार की ओर से क्या क्या कार्य स्वीकृत किए जा चुके हैं और उन्हें कब तक पूरा होना है।
कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने तीर्थ कमेटी और ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों के साथ संवाद में यह बात कही।
उल्लेखनीय है कि कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल और हरियाणा ग्रंथ अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिंह विकास बोर्ड के सदस्यों अशोक रोड शाह, डॉ. रणधीर मथाना और कैप्टन परमजीत सिंह के साथ क्षेत्र के प्राचीन तीर्थों के दौरे के क्रम में फफड़ाना पहुंचे थे।
मानद सचिव उपेंद्र सिंघल ने उपस्थित समिति सदस्यों व ग्राम वासियों से कहा कि सभी को अपने अपने घरों में भगवदगीता व रामायण आदि ग्रंथ को सम्मान सहित रखना चाहिए। उन्होंने सभी से अपने अपने बच्चों को भगवदगीता के कुछ श्लोक कंठस्थ करवाने का आवाहन किया। और फल्गु तीर्थ के साथ ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण जुड़े इसके लिए समिति को अधिक से अधिक प्रयास करने चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने तीर्थ समिति को तीर्थ का महिमा पट भी भेंट किया।
डॉ. चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारें भारतीय संस्कृति के प्रतीकों और मान बिंदुओं की प्रतिष्ठा बहाल करने में जुटी हैं। पूर्व की सरकारों को गीता,गंगा,गायत्री और गौमाता मे सांप्रदायिकता नजर आती थी।ख़ासकर कांग्रेस सरकारों ने संस्कृत और संस्कृति दोनों की अपमानजनक अनदेखी की। उन्होंने ग्राम वासियों का आवाहन किया कि वे अपने तीर्थ को और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए तीर्थ कमेटी और ग्राम पंचायत के संयुक्त तत्वावधान में प्रभावी कार्य योजना तैयार करें।