छह दागियों ने स्वीकार किया अपना गुनाह – कांग्रेस
शिमला, 11 मई। हिमाचल प्रदेश के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा है कि छह दागी नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस लेकर अपने गुनाह को क़ुबूल कर लिया है। उन्होंने कहा कि अयोग्य घोषित होने के बाद सभी छह दागियों ने विधानसभा स्पीकर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन दागियों ने अदालत में अपनी याचिका को वापस ले लिया है, जिसका सीधा मतलब यह है कि स्पीकर का फैसला सही था और नियमों के अनुसार लिया गया था। उन्हें पता चल चुका था कि वह क़ानूनी लड़ाई हार चुके हैं और कोर्ट से फैसला उनके विरुद्ध ही आएगा। उन्होंने कहा कि सभी छह दागियों को अपनी याचिका वापस लेने का कारण सार्वजनिक करना चाहिए। उनका असली चेहरा सामने आ गया है और उन्हें प्रदेश की जनता से माफ़ी माँगनी चाहिए।
उद्योग मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से हारने के बाद अब दागियों का फ़ैसला जनता की अदालत में होगा, लेकिन वहाँ भी उनकी हार तय है। आज हालत यह हो गई है कि दागी अपने चुनाव क्षेत्र में लोगों का सामना नहीं कर पा रहे। लोग सवाल पूछ रहे हैं और वह जवाब देने में नाकाम है। सभी छह दागियों के खिलाफ पूरे प्रदेश में एक लहर बन गई है, जो एक जून को क़हर बनकर उनपर टूट पड़ेगी। जनता ने उपचुनाव में दागियों को हराने का मन बना लिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के धनबल को जनबल जवाब देगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मतदाता लोकसभा की सभी चार सीटें और विधानसभा की छह सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस के सभी प्रत्याशियों को बहुत बड़े अंतर से विजयी बनाएँगे और भविष्य में ख़रीद-फरोख्त की राजनीति पर पूर्ण विराम लगाएँ। उन्होंने कहा कि दागियों को जनता की सज़ा मिलने के बाद भविष्य में प्रदेश का कोई विधायक बिकने की हिम्मत नहीं जुटा पाएगा।
हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि दागियों ने कांग्रेस पार्टी ही नहीं, बल्कि प्रदेश की जनता के साथ धोखा किया और अपने चुनाव क्षेत्र की जनभावनाओं का अपमान किया। भाजपा के धनबल के प्रभाव में आकर उन्होंने अपने ईमान का सौदा किया और सरकार गिराने का षड्यंत्र रचा। लेकिन भाजपा और बाग़ियों का मिशन फेल हो चुका है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार अपने पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करेगी।