महिला आयोग ने घरेलू हिंसा रोकथाम एक्ट पर छात्रों को किया जागरूक
चंडीगढ़, 21 नवंबर। पंजाब राज्य महिला आयोग ने आज छात्राओं को घरेलू हिंसा रोकथाम एक्ट 2005 और काम वाले स्थान पर शारीरिक शोषण रोकथाम एक्ट 2013 के बारे में जागरूक किया।
आज यहां रत्न कॉलेज आफ नर्सिंग (मोहाली) में हुए समारोह के दौरान आयोग की चेयरपर्सन राज लाली गिल ने छात्रों को जागरूक करते कहा कि हम सबको अपने अधिकारों के बारे में जागरूक होने की ज़रूरत है जिससे हम बहुत सी परेशानियों से बच जाते है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने के लिए घरेलू हिंसा कानून, 2005 और काम वाले स्थानों पर महिलाओं के शारीरिक शोषण रोकथाम कानून, 2013 को देश भर में लागू किया है जो कि महिलाओं को सशक्त करने में मददगार साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाएं सबसे अधिक घरेलू हिंसा से पीड़ित है। उन्होंने महिलाओं को अपने अधिकारों की रक्षा करने के लिए कानूनी मदद और रास्तों बारे के बारे में अवगत किया।
गिल ने कहा कि राज्य सरकार ने घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए राज्य में सखी वन स्टाप सैंटर खोले है जहाँ घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को कानूनी सहायता मुहैया करवाई जाती है।
इस मौके उन्होंने काम वाले स्थानों पर महिलाओं के साथ होने वाले शारीरिक शोषण एक्ट 2013 के बारे में बोलते हुए बताया कि यह एक्ट महिलाओं को काम वाले स्थान पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर होने वाले शारीरिक शोषण से बचाता है। उन्होंने कहा कि काम वाले स्थान पर औरतों के हितों की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए उक्त एक्ट अधीन समिति बनानी ज़रूरी है। जिसके पास इस तरह की घटना होने पर शिकायत की जा सकती है।
इस मौके पंजाब बाल अधिकार आयोग के उप निदेशक राजविंदर सिंह गिल ने बच्चों के अधिकारों के बारे में जानकारी साझा की।
इस मौके श्रीमती राज लाली गिल ने महिलाओं को उनके अधिकारों बारे जागरूक करने के लिए पुस्तिका भी जारी की ,इसके इलावा ज़िला कानूनी सेवाएं अथारिटी के श्रीमती रुपिन्दर पाल कौर ने भी घरेलू हिंसा कानून 2005 और काम वाले स्थानों पर महिलाओं के शारीरिक शोषण रोकथाम कानून 2013 के बारे में भी बताया ।
इस मौके ज़िला प्रोग्राम अधिकारी मोहाली गगनदीप सिंह, सी.डी.पी.ओ., सुपरवाइज़र, आगणवांड़ी वर्कर और नर्सिंग कालेज की छात्राएं मौजूद रहीं।