पंजाब में कृषि अवशेष आधारित सात प्रोजेक्ट होंगे शुरू
चंडीगढ़, 8 फरवरी। पंजाब के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री अमन अरोड़ा ने आज बताया कि राज्य में ग्रीन ऊर्जा के उत्पादन को और अधिक बढ़ाने के लिए इस साल के अंत तक लगभग 79 टन प्रतिदिन (टी.पी.डी.) की कुल क्षमता वाले सात कम्प्रेस्ड बायोगैस (सी.बी.जी.) प्रोजेक्ट शुरू कर दिए जाएंगे।
अमन अरोड़ा यहां विभाग के सचिव रवि भगत के साथ विभाग के चल रहे प्रोजेक्टों की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे।
अरोड़ा ने बताया कि इन सात प्रोजेक्टों में सालाना 2.72 लाख टन धान की पराली का इस्तेमाल होगा। इसके अलावा 85 टी.पी.डी. से अधिक क्षमता वाले चार सी.बी.जी. प्रोजेक्ट पहले ही शुरू किए जा चुके हैं, जिनके लिए लगभग 1.70 लाख टन पराली एकत्रित की गई है।
उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट राज्य में पराली जलाने की समस्या को हल करने के अलावा पंजाब को प्राकृतिक और स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होंगे।
पंजाब सरकार द्वारा पराली जलाने के मामलों को सिफऱ पर लाने के लिए किए जा रहे प्रयासों का जिक्र करते हुए अमन अरोड़ा ने कहा कि बायोफ्यूल नीति का नक्शा तैयार कर लिया गया है। इसके साथ ही आर्थिकता को डेकार्बोनाइज करने और पारंपरिक ईंधन पर निर्भरता घटाने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन नीति भी बनाई गई है। इस कदम का उद्देश्य ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को घटाने के साथ-साथ राज्य को टेक्नोलॉजी का प्रयोग करने और हवा की गुणवत्ता में सुधार करने के योग्य बनाना है।
रवि भगत ने कैबिनेट मंत्री को बताया कि पिछले साल 101 सरकारी इमारतों को सोलर पैनलों से लैस किया गया और पेडा द्वारा इस साल 897 और सरकारी इमारतों को सोलर पैनलों से लैस करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
बैठक में विशेष सचिव नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत सुखजीत पाल सिंह, पेडा के डायरेक्टर एम.पी. सिंह, ज्वाइंट डायरेक्टर राजेश बंसल, परिवहन और ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।